कंटेंट कविता और किताब
उसने एक रोज़ मुझसे कहा कि अगर लॉकडाउन के दिनों में जो भी बातें हमने की, उनको रिकॉर्ड करते तो अच्छा पॉडकास्ट बन सकता था। आज जब उससे बात नहीं होती तब उसकी बात याद आ रही है। ये मेरे…
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उसने एक रोज़ मुझसे कहा कि अगर लॉकडाउन के दिनों में जो भी बातें हमने की, उनको रिकॉर्ड करते तो अच्छा पॉडकास्ट बन सकता था। आज जब उससे बात नहीं होती तब उसकी बात याद आ रही है। ये मेरे…
‘लफ़ड़ा’, क्या ख़ूबसूरत लफ़्ज़ है! ‘फ़’ और ‘ड़’ के टकराने से जो आवाज़ पैदा हो रही है वो इस बात की तरफ़ इशारा कर देती है कि मामला गम्भीर है। लफ़ड़ा शब्द बचपन की स्मृतियों से जितना याद कर पाता…