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Category Literature

लफ़ड़ों से रत्ती भर दूर रह गए लफ़ड़े – निर्मल वर्मा विशेष

‘लफ़ड़ा’, क्या ख़ूबसूरत लफ़्ज़ है! ‘फ़’ और ‘ड़’ के टकराने से जो आवाज़ पैदा हो रही है वो इस बात की तरफ़ इशारा कर देती है कि मामला गम्भीर है। लफ़ड़ा शब्द बचपन की स्मृतियों से जितना याद कर पाता…