लफ़ड़ों से रत्ती भर दूर रह गए लफ़ड़े – निर्मल वर्मा विशेष
‘लफ़ड़ा’, क्या ख़ूबसूरत लफ़्ज़ है! ‘फ़’ और ‘ड़’ के टकराने से जो आवाज़ पैदा हो रही है वो इस बात […]
‘लफ़ड़ा’, क्या ख़ूबसूरत लफ़्ज़ है! ‘फ़’ और ‘ड़’ के टकराने से जो आवाज़ पैदा हो रही है वो इस बात […]